माँ की गोद
माँ, तेरी गोदी में सिर रख
फिर रोने को दिल करता है।
जब से है छूटा साथ तेरा,
जग सूना सूना लगता है।
हर चीज बेगानी लगती है,
हर ख़्वाब अधूरा लगता है।
माँ, तेरी गोदी में सिर रख
फिर रोने को दिल करता है।
तेरी यादों में दिन बीते,
तेरे सपनों में रात कटी,
तेरी सीखों का दिया मेरा
जीवन पथ रौशन करता है।
माँ, तेरी गोदी में सिर रख
फिर रोने को दिल करता है।
तुम कहती थी जग धोखा है,
दिखने में लगता चोखा है।
माँ, तेरे साथ जिया हर पल
नयनों में तैरा करता है।
माँ, तेरी गोदी में सिर रख
फिर रोने को दिल करता है।
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