अनुराग तिवारी
Saturday, June 2, 2012
प्रातः काल
प्रातः काल
कितने सुन्दर फूल खिले हैं,
देखो बच्चों बगिया में,
गुन-गुन करते भौंरे उन पर
मँडराते हैं बगिया
में
।
चिड़ियों ने खोली हैं आँखें,
कलियाँ बदलीं फूलों में,
फैल गया है प्रकाश सूर्य का,
इस अँधियारी दुनियॉँ में।
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