Sunday, September 8, 2013

वंदना

वंदना 

हे गणपति तुमको नमन,
सदा रहो अनुकूल।
विद्या, बुद्धि, विवेक दो,
क्षमा करो सब भूल।

हे माँ तेरे चरणों में,
अटल रहे विश्वास।
सारी भव बाधा हरे,
पूरी हो हर आस।

राम तुम्हारे नाम का,
सदा करूँ मैं गान।
मेरे हृदय विराजिए,
संग सिया, लखन, हनुमान।

पाप, ताप हरते सदा,
नीलकंठ भगवान।
उमा सहित तव चरण में,
बारम्बार प्रणाम।

जीवन का आधार हो,
दिनकर तुम्हें प्रणाम।
अन्तर्तम का नाश हो,
ऐसा दो वरदान।