आशा-ज्योति
नवल प्राण, स्फूर्ति नयी,
नव शक्ति, नयी आशा दे।
छाता रहे अँधेरा,
हों ठोकरें अनेकों,
हो मंज़िल-ए-ललक,
आशा का एक दीपक हो।
भटकी मेरी राहों पे,
तेरी दया की रोशनी,
सद्वृत्ति का सबेरा,
सुख शांति औ‘ समता धनी।
चिर राग-शोक मत हो,
ऐसी हमें दया दे।
नवल प्राण, स्फूर्ति नयी,
नव शक्ति, नयी आशा दे।
नवल प्राण, स्फूर्ति नयी,
नव शक्ति, नयी आशा दे।
छाता रहे अँधेरा,
हों ठोकरें अनेकों,
हो मंज़िल-ए-ललक,
आशा का एक दीपक हो।
भटकी मेरी राहों पे,
तेरी दया की रोशनी,
सद्वृत्ति का सबेरा,
सुख शांति औ‘ समता धनी।
चिर राग-शोक मत हो,
ऐसी हमें दया दे।
नवल प्राण, स्फूर्ति नयी,
नव शक्ति, नयी आशा दे।
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