Monday, June 4, 2012

भारत देश

भारत देश 

जय हो तेरी भारत दे
 
तेरे चरण पखारे सागर,
तेरी रक्षा करे वो हिमगिरि,
हृदय में बहने वाली गंगा,
शीतल रखती तेरा क्ले

विंध्याचल की तू करधनी पहने,
पहने नदियों के तू गहने,
सारे जग से न्यारा है तू,
मेरे प्यारे दे

मिट्टी में हम पलते तेरी,
हम हैं तेरे रक्षक प्रहरी,
हों ना कभी हम विमुख कर्म से,
दो हमें तुम ऐसा आशीष

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