Wednesday, November 26, 2014

मैं कविता लिखता नहीं

मैं कविता लिखता नहीं 

मैं कविता लिखता नहीं,
वह लिखवा देता है।
उसकी प्रेरणा से
कभी कभी
मन करता है,
कागज़ कलम ले कर
बैठ जाने को।
मन में
बादलों की तरह
उमड़ने लगते हैं
भाव, विचार और अनुभूतियाँ।
कलम अपने आप
कागज़ पर
नाचने लगती है
और शब्द दर शब्द
पंक्ति दर पंक्ति
कागज़ पर उतर जाती है
एक सुलेखा कविता।

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