Tuesday, December 30, 2014

अभिनन्दन, नव वर्ष तुम्हारा


 अभिनन्दननव वर्ष तुम्हारा

अभिनन्दन,
नव वर्ष तुम्हारा।

नयी भोर है,
नयी उमंगें,
नया जोश है,
हर जन मन में।
शुभ हो मेरा,
सबका शुभ हो,
नहीं किसी
जीवन में दुख हो।
रोग, दोष, भय,
भागे सारा।
अभिनन्दन,
नव वर्ष तुम्हारा।

कर न पाये
आज तलक जो,
करें इस बरस
हम सब मिल वो।
सबके जीवन
में सुधार हो,
मानवता की जय
बार बार हो।
बहे प्रेम
सरिता की धारा।
अभिनन्दन,
नव वर्ष तुम्हारा।




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