Wednesday, January 28, 2015

मेरे हिस्से में…..

मेरे हिस्से में…..

मेरे हिस्से में फ़र्ज़ गिरे,
अधिकार तुम्हारे हिस्से में।
मेरे हिस्से में तनहाई,
संसार तुम्हारे हिस्से में।

ऊपर वाले ने किस्मत के
मोती जब बाँटे थे,
मैं किंचित पीछे खड़ा हुआ था,
मेरे हिस्से में घाटे थे।
मुझको मिलती है रुसवाई,
सत्कार तुम्हारे हिस्से में।
मेरे हिस्से में फ़र्ज़ गिरे,
अधिकार तुम्हारे हिस्से में।

एक अधूरापन सा मैने,
जीवन भर महसूस किया।
खुश हुआ तुम्हारी खुशी देख,
तेरे ग़म से परेशान हुआ।
दे अपने अश्रु मुझे, ले लो
उपहार तुम्हारे हिस्से में।
मेरे हिस्से में फ़र्ज़ गिरे,
अधिकार तुम्हारे हिस्से में।



2 comments:

  1. बुत खूब ... सब कुछ तो उन्हें मिल गया पर जो भी है अपने पास उसी में जीना होगा अब ...

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  2. बहुत ही सुंदर

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